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यह श्रृष्टि आशा से भरी हुयी है


यह श्रृष्टि आशा से भरी हुयी है , हर मनुष्य के मन में ये बात आती है की हमें कुछ न कुछ करना है

 इसी को चाह कहते है , जब ये चाह प्राप्त करने की लगन हो तोह उसको जुनून कहने लगते है ,

 लेकिन हेर मनुष्य को ये याद रख लेना चाहिए की ये जुनूं एक बार लक्ष तक पहुचने क बाद 

ख़तम हो जाना चाहिए अगर उसकी प्राप्ति होने के बाद भी आपको उसकी चाह है तोह उसको हम मोह कहेंगे ,

 मोह दुनिया में सबसे खतरनाक है जिसको अगर सीधे शब्दों में कहें तोह यह आपको आपके काल की तरफ ले

 जाने का मार्ग है , श्रीमद भगवद्गीता हमको इसी मोह से निकलने में मदद करती है , आपको क्या लगता है की 

वोह सिर्फ किसी अर्जुन को उपदेश देने के लिए इतनी प्रचलित है तोह यह आपकी भूल है , में कोई धर्म की बात

 नही करता क्योकि हर धर्म हमको सिर्फ और सिर्फ एक ही मार्ग में लेजाता है जो की है मोक्ष का मार्ग , में एक लेखक

 हूँ लेकिन आज मैंने खुद पर काबू न पाते हुए कुछ होते हुए देखा जो की मेरी सोच से परे था , हर किसी को ये अनुभव 

अपने जीवन के मार्ग में ज़रूर हुआ होगा क्योकि ये बातें हर किसी के सम्बन्ध में है , मेरी छोटी सी किताब कोई खरीदेगा 

तोह में भी नहीं चाहता की मेरा ग्राहक किसी भी तरह से मेरे से या मुझसे ख़फा (नाराज़) हो , लेकिन में उन बेवकूफों जैसा 

भी नहीं हूँ जो बिना कुछ जाने ही बड़ा काम करने को निकल जाते है , अगर आपने आज तक भगवत गीता नहीं पड़ी है तोह

 आपका जीवन असलियत ( वास्तव ) में कठिन है , क्योकिं आपको अभी तक येही नहीं पता होगा की आपके जीने का

 वास्तविक कारण क्या है | अगर मेरी बातों में से आपको एक बात भी गलत लगे तोह आप मान ले की अभी भी आपका 

मष्तिस्क सही रूप विकसित नही हुआ है क्योकि अभी आप जीवन की अहमियत को नही समझ पा रहे है | मेरी यह किताब में 

आपको में इसके साथ काफी बातें भी बताते जाऊँगा जो शायद ही आपने सोची होगी -

क्या आपने कभी ये सोचा की आप इस दुनिया में क्यों आये ? आपका कर्म क्या है ? क्या प्रभु है ?


जी हाँ हर उम्र के बढ़ते हुये बच्चे की तरह अब आप भी किशोर अवस्था में आ चुके है , मेंने आज तक कभी संस्कृत

 पैर ध्यान नही दिया वरना आज आपको अपनी यह किताब संस्कृत में लिखकर देता , परन्तु अभी मुझे अपने विचार 

व्यक्त करने है अवं प्रभु ने मुझे बस इसी काम के हेतु इस विश्व रूपी दुनिया में भेजा है , इसीलिए आपको सीधे रूप में

 संचिप्त रूप पर जल्दी से ज्यदा बात बताना मेरा कर्म है |


इस दुनिया में जो आपको आपका कर्म करने से रोकता है उसका नाम है बुध्धि , ये आपको आलस के , आशा के 

और काफी अन्य रूप में मिल जाएगी लेकिन इसपर गौर करें तोह इसपर काबू भी किया जा सकता है , न सिर्फ ये ,

 बात करें आशा की , तोह इसको भी ख़तम करा जा सकता है , जानना चाहते है कैसे ?

 

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