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Why deos sanatni use to burn bodies of peoples after they die ? क्यों सनातनी लोग किसी व्यक्ति के मरने के बाद उनके पार्थिक शरीर को जला देते थे ?

यह एक आम बात है की हर रीति रिवाज़ इंसानों ने अपने हिसाब से बनाये है जैसे की किसी के पार्थिक शरीर को उसके मरने के बाद जलना है या दफनाना है , लेकिन में आपको इस मुद्रा का द्वित्य पहलू बताऊँ तोह कैसा होगा , यह बातें न मैंने किसी से सुनी न किसी तरह से मेरेको बताई गयी , मेरी सारी जानकारी लोगो तक पहुचना मेरा काम है इसीलिए में इन सारी बातो को आप तक ला रहा हूँ , और इस यह सारी बातें मेरे सिध्धांत पैर आधारित है , इसको आप अपने हिसाब से समझ कर और ज्यादा जान सकते है |

 मेरा मनना है की सनातनी भूत काल के सबसे आधुनिक मनुष्य थे और उनके पास काफी साडी दिव्या शक्तियों का ज्ञान था जिसमें से एक मुर्दे को जिंदा करने का है , लोग मेरी यह बातें सुनकर  मेरा मज़ाक उड़ायेंगे क्योकि मेरे पास इसका कोई ठोस सबूत या प्रमाण नही है लेकिन ऐएसे तोह दुनिया में काफी साडी चीज़ों का प्रमाण नही है तोह क्या हम उन सभी चीज़ों को न मानें, सवाल यह आता है की आगे क्या , तोह आगे यह की लोगो को यह बात अच्छी नही लगती थी , ख़ास कर की जो सनातनी नही थे , जब बाकि लोग जो उस समय पर आदिवासी थे उनको पता चली जैसे की मिश्र के लोगो को तोह वह यह तकनीक सीखने को आये , लेकिन यह तकनीक कोई मामूली नही थी , सनातनी किसीको भी ( किसी भी मुर्दे को ) जिंदा कर सकते थे जब तक उसका पार्थिक शरीर सही सलामत है , जब ये बात मिश्रा के राजा ने सुनी तोह वह हक्का बक्का रह गया उसका कहना था की उसके पिता श्री जो की काफी बूढ़े हो गये है वोह उनको इस तकनीक की मदद से वापस इस दुनिया में ले आएगा, लेकिन यह बात सनातनियों को पता चल गयी थी और उन्होंने अपनी तकनीक किसी को दुरूपयोग के लिए देना सही नहीं समझा और यह नियम बना दिए की अब से कोई भी इस तकनीक को आगे सिखाने की शिक्षा नही देगा , उस समय सनातनियों का बोलबाला था , वह किसी भी देश या समुदाय से कम नहीं थे और होते भी क्यों , भला सबसे पुराना और सबसे बड़ा समुदाय जो था , लेकिन मिश्र का  राजा नही मन और उसने जुंग के लिए आदेश दिया जिसमें उसकी सेना बुरी तरह से सतह में ही हार गयी और उसको घर वापस जाना पड़ा , उसके बाद से काफी राजाओं ने विदेश में अपने पार्थिक शरीर जो ज़मीन क नीचे दफ़नाने का रिवाज़ बना लिया जिससे की आगे आने वाले समय में कोई न कोई सनातनी उनको जिंदा करदे , लेकिन सनातनी भी अब इस प्रक्रिया को भूल चुके थे , और उन्होंने भी पार्थिक शरीर को जलने की प्रक्रिया को अपनाया,उसके बाद काफी ऐसे बेवक़ूफ़ समुदाय आये जिनको खुद नही पता की वोह अपने मुर्दों को क्यों दफ़न करके रखते है |

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