How to travel in Time ?
This
is the simple time travelling theory and my Whole Life theory , and research I
know this is the simplest thing to say but there are some things or I can say
someone who don’t want the research to begin and peoples know about the real
truth .
emtar is a branch of study in trixsearch (गुरुकुल) time travelling physics
इस
दुनिया में कुछ ताकतें है जो मेरी इस अनुसंधान को रोकना चाहती है , इसीलिए मुझे ये
किताब अलग से हिन्दी ओर संस्कृत में लिखना पड़ेगा लोग कहते है की आज की तकनीक काफी
अच्छी है परंतु में जानता हूँ की जिस तरह से वोह लोगों से छ छुपाना चाहता है उस
हिसाब से उसकी अंग्रेजी बहुत अच्छी है मगर हिन्दी भी अब वोह सुधार रहा है , ओर ऊपर
से वोह दिन प्रति दिन सुधार रहा है लेकिन अभी भी वोह संस्कृत नहीं सुधार पाया ओर
यही मेरी ताकत है :
पुनः
पुनः प्रयास कुरुत , कर्णा रखत विचार ।
जो
पुनि रखत वाणी सुख , रखत राम विचार ।।
नश्वर
चिंतित हो उठे , जो रखे उनसे बात ।
पूर्णता
विचार विमश , किए लिए दे ध्यान ।।
धरा
दृश्य न देखिए , देखिए बस ज्ञान ।
मृतउँजय
महामंत्र जपे , लिजों नाम राम ।।
समय
यात्रा इतनी भी आसान नहीं है लोग कहते है की पुराने समय के लोग इसको आसानी से कर
सकते थे , में कुछ ऐसी ही चीजें जानता हूँ ओर में कुछ ऐसी क्रिया जानता हूँ
जिनकी मदद से में हमारे पूर्वजों के ज्ञान को अर्जित कर पाएंगे अगले श्लोक में आप
उसको जान जाओगे
जियत
प्रमाण पुराव को शत शत करत नमन ।
योग कुरत मिले राम से मरण शरण मनन ।।
अर्थात मेरी ओर हम सनतानियों की
ज़िंदगी इस की साक्षी है की पूर्वजों ने हमको काफी चीजें दी है जो हमको उनके ज्ञान
को आगे बढ़ाने में मदद करेगा , हमें उनका नमन करना चाहिए , ओर उनमें से पहला है योग
, ओर वेद बाकी ज्ञान को प्राप्त करने के लिए आप को मारना ही होगा । एक मात्र
मृत्यु ही इस पूर्ण मोक्ष की साक्षी है ।
अब में अपनी किताब खुद ही लिख रहा हूँ
इसलिए मुझे कोई दिक्कत नहीं होगी साथ ही में अपनी पूर्ण रुचि को डाल रहा हूँ ओर
अपनी मृत्यु तक में प्रयास करूंगा की इसको लिखूँ :
प्रयतः सफल प्रयास में , पूर्ण सफल
विलंभ ।
तृतीय सफल विचार कुरुत , निम्न अरग
विलंभ ।।
दुनिया में हमको काफी ज्ञान नहीं है
जिसको हमको प्राप्त करना होगा उसको लिए आप बस ये चीजें करें :
कर्म योग कर्मा कुरुत , मिलन दीर्घ
देय ज्ञान
नाम काम करत नहीं , सिर्फ जपे राम को
नाम
मृत्युंजय महामंत्र जप , निशि दिन
मिलवे विनम्र
करत प्रयास द्वियोग सम , कुरत कुरत ही
कर्म
में आज मई 3 , २०२१ को जाना की अल्बर्ट एन्सटीन मानते थे की अभी हम त्रि-आयाम में जी रहे है ओर समय यात्रा करने के लिए हमको चतुर्थ आयाम में प्रवेश करना पड़ेगा , लेकिन हम आइएस क्या कर सकते है की हम उस चतुर्थ आयाम में भ्रमण कैसे करेंगे , इसके लिए हमको कुछ करना पड़ेगा ।
Comments
Post a Comment